अनाथ बच्चों की बेहतर देखभाल हो और उन्हें अच्छी शिक्षा मिल सके, इस उद्देश्य से धनबाद जिले में एकमात्र आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई है. इसको लेकर सरकारी स्तर पर तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं, लेकिन आवासीय विद्यालय में जब एबीपी न्यूज ने जायजा लिया तो यहां अध्ययनरत बच्चे स्कूल में कैद मिले.
स्कूल के मुख्य और पीछे के गेट पर ताला लगा था.
बच्चे अंदर चहलकदमी करते नजर आए. स्कूल का नजारा देखकर तो हर कोई यही कहेगा मानो यह अनाथ बच्चों का आवासीय विद्यालय नहीं बल्कि बच्चों का जेल हो. कैद की बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि स्कूल के अंदर बच्चों को छोड़कर अन्य कोई भी मौजूद नही था. बच्चों से पूछने पर पता चला कि गार्ड ताला लगाकर किसी काम गया है.
100 से ज्यादा बच्चे आवासीय विद्यालय में करते हैं पढ़ाई
धनबाद जिले में स्थित हीरापुर अभया सुंदरी बालिक विद्यालय के कैंपस में स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय है. इस आवासीय विद्यालय में एक सौ से अधिक अनाथ बच्चे यहां रहकर पढ़ाई करते हैं. शाम चार बजे के करीब जब स्कूल की पड़ताल की तो पाया गया कि मुख्य गेट पर ताला लगा था. बच्चों से पूछने पर बताया गया कि स्कूल के अंदर कोई नही है. गार्ड ताला लगाकर किसी काम से बाहर गया हैं. हालांकि बच्चों ने यह भी कहा कि गेट पर लगे ताले की चाबी गार्ड यहीं रखकर गया हैं. जिले के टुंडी के रहने वाले दसवीं कक्षा के एक छात्र ने बताया कि स्कूल में दसवीं तक पढ़ाई होती है.
वहीं आवासीय विद्यालय की विस्तृत जानकारी लेने के लिए शिक्षा विभाग से जानकारी लेने की कोशिश की गई. लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी निशु कुमारी ने इस मामले पर बात करने से इनकार कर दिया और मौखिक जानकारी देने के लिए एडीपीओ विजय कुमार को अधिकृत कर दिया.
क्या कहते हैं ADPO विजय कुमार?
एडीपीओ विजय कुमार ने बताया कि यह सरकारी आवासीय विद्यालय है. समग्र शिक्षा अभियान के तहत झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के अंतर्गत नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय संचालित है. यहां एक स्थाई और चार प्रतिनियुक्त शिक्षक हैं. कुल मिलाकर पांच शिक्षक बच्चों के पठन पाठन के लिए हैं. इसके अलावा एक रसोइया, एक लेखपाल और एक गार्ड की भी नियुक्ति आवासीय विद्यालय में की गई हैं.
पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई यहां होती है. अनाथ बच्चों को यहां आवासित कर शिक्षा की व्यवस्था की गई है. विजय कुमार को आवासीय विद्यालय के मुख्य गेट और पीछे की गेट पर ताला लगाकर बाहर चले जाने की बात बताई. इस पर उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. जांच के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ने कार्रवाई की बात कही
वहीं, मामले को लेकर जब बाल संरक्षण आयोग के सदस्य उज्जवल तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रांची पहुंचने के बाद एक टीम गठित की जाएगी. डीसीपीयू,सीडब्ल्यूसी और शिक्षा विभाग के अधिकारी टीम में रहेंगे. इस मामले की जांच कराई जाएगी और जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.